Month: मार्च 2019

गलतियों के बोझ को वहन करना

जनवरी 30, 2018 को अपने लगभग तीस साल के कारावास के पश्चात मल्कोम एलेक्जेंडर एक आज़ाद व्यक्ति के रूप में कारावास से बाहर निकले। डीएनए के प्रमाणों ने एलेक्जेंडर को मुक्त करवा दिया, जिसने कोर्ट की असंख्य कार्यवाहियों, जो बुरी तरह से अन्ययापूर्ण थीं, के दौरान उनकी निर्दोषता को बनाए रखा। एक अयोग्य सुरक्षा अधिकारी (जिसे बाद में उसके पद से हटा दिया गया) नकली प्रमाणों, और सन्देहात्मक जाँच ने एक निर्दोष व्यक्ति को लगभग चार दशकों तक कारावास में रखवा दिया था। अंततः जब उन्हें छोड़ा गया, फिर भी एलेक्जेंडर ने अत्यधिक दया दिखाई। “आप क्रोधित नहीं हो सकते,” उन्होंने कहा। “क्रोधित होने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं है।”  

एलेक्जेंडर के शब्द बहुत ही गहन अनुग्रह का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। यदि अन्याय ने हमारे जीवन के अड़तीस वर्षों को लूट लिया और हमारी प्रसिद्धि को बर्बाद कर दिया, तो हमारा क्रोध से जल उठना सम्भव है। परन्तु एलेक्जेंडर ने दिल को तोड़ देने वाले वर्ष गलतियों के उस बोझ को वहन करते हुए बिताए, जो उनपर डाला गया था, परन्तु वह बुराई के द्वारा परास्त नहीं किए गए थे। प्रतिशोध लेने के लिए अपनी उर्जा लगाने के स्थान पर उन्होंने वह अपनाया जिसका निर्देश हमें पतरस देता है: “बुराई के बदले बुराई मत करो और न गाली के बदले गाली दो” (1 पतरस 3:9)।

पवित्रशास्त्र एक कदम आगे जाता है: प्रतिशोध लेने के स्थान पर, प्रेरित पतरस हमें बताता है कि हम आशीष देने के लिए हैं (पद 9) । हम उन लोगों के लिए क्षमा और भलाई की आशा प्रदान करते हैं, जिन्होंने अन्यायपूर्ण रीति से हमारे साथ गलत किया है। उनके बुरे कामों का बहाना बनाए बिना, हम उनके साथ परमेश्वर की चौंका देने वाली दया के साथ मिल सकते हैं। यीशु ने क्रूस पर हमारी गलतियों का बोझ उठा लिया, ताकि हम अनुग्रह प्राप्त कर सकें और इसे दूसरों को भी दिखा सकें-यहाँ तक कि उन्हें भी जिन्होंने हमारे साथ गलत किया है।   

आपके लिए हाथ का बना

मेरी दादी एक कुशल दर्जिन थीं जिन्होंने अपने स्थानीय नगर टेक्सस में अनेक प्रतियोगिताएँ जीती थीं। मेरे सम्पूर्ण जीवन में अपने हाथ से सिले गए उपहारों से उन्होंने अनेक विशेष अवसर प्रदान किए। मेरे माध्यमिक  स्कूल में उतीर्ण होने पर गहरे जामुनी रंग की महीन चिकने ऊन से बनी हुई एक स्वेटर। मेरे विवाह के लिए फिरोज़ी रजाई। मैं प्रत्येक हाथ से बनाई हुई चीज़ का एक कोना उनके हस्ताक्षर वाली पट्टी देखने लिए  मोड़ती थी, जिसपर यह लिखा होता था, “मुन्ना के द्वारा आपके लिए हाथ से बनाया गया।” बुने हुए प्रत्येक शब्द के साथ मैंने मेरे लिए मेरी दादी के प्रेम का अहसास किया और मेरे भविष्य के लिए उनके विशवास का एक सामर्थी वाक्य प्राप्त किया।   

पौलुस ने इफिसियों को उनके इस संसार में होने के उद्देश्य को दिखने के लिए लिखा, उन्हें “उसके बनाए हुए...और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिए सृजे गए” बताया  (2:10)। यहाँ “उसके बनाए गए” कला या उत्कृष्ट कृति के एक कार्य की ओर संकेत करता है। पौलुस आगे उल्लेख करना जारी है कि हमें बनाने में परमेश्वर की हस्तकला का परिणाम हमारे संसार में परमेश्वर की महिमा के लिए हमारे द्वारा भले कामों-या यीशु के साथ हमारे पुनर्स्थापित सम्बन्ध का प्रकटन-का करना होगा। हम अपने भले कामों से कदापि नहीं बचाए जा सकते, परन्तु जब परमेश्वर का हाथ हमें अपने उद्देश्य के लिए बनाता है, तो वह  दूसरों को अपने महान प्रेम की ओर लाने में हमें इस्तेमाल कर सकता है।   

सूई पर अपने झुके हुए सर के साथ मेरी मुन्ना के हाथ से बनी चीज़ें मेरे प्रति उनके प्रेम और उनके इस जोश को प्रदर्शित करते हैं कि मैं इस गृह पर अपने उद्देश्य को समझ लूंगी। और उनकी ऊँगलियाँ मेरे दिन की घटनाओं को आकार देती हैं, परमेश्वर उनके प्रेम और उद्देश्य को हमारे हृदयों के साथ सिल देता है ताकि हम अपने लिए उन्हें अनुभव कर सकें और उनकी हस्तकला का दूसरों पर प्रदर्शन कर सकें। 

विलाप से आराधना की ओर

किम ने 2013 में स्तन कैंसर के साथ संघर्ष करना आरम्भ किया था। उसके उपचार के समाप्त होने के चार दिनों के पश्चात, चिकित्सकों ने उसे लगातार बढ़ रहे फेफड़ों के रोग से ग्रस्त बताया और उसे तीन से पाँच साल और जीने का समय दिया। वह बहुत दुखी हुई और पहले साल अपनी भावनाओं के साथ उसने रो-रोकर परमेश्वर से प्रार्थना की। 2015 में जब मेरी मुलाकात किम के साथ हुई, तब तक उसने अपनी परिस्थिति को परमेश्वर के हाथों में सौंप दिया था और दूसरों पर असर डालने वाला आनन्द और शान्ति प्राप्त कर ली थी। यद्यपि कुछ दिन बहुत ही कठिन होते हैं, फिर भी जब वह दूसरों को प्रोत्साहित करती थी तो परमेश्वर उसके दिल दहला देने वाले दुःख को आशा से भरी हुई स्तुति की सुन्दर गवाही में बदलते रहे।   

यद्यपि जब हम भयानक परिस्थितियों में होते हैं, परमेश्वर हमारे विलाप को आनन्द के नृत्य में बदल सकता है। यद्यपि उनकी चंगाई सर्वदा दिखाई या अनुभव नहीं होती, जिसकी हम आशा करते हैं, परन्तु फिर भी हम परमेश्वर के कार्यों पर दृढ विश्वास कर सकते हैं (भजन संहिता 30:1–3) । इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा मार्ग कितना भी ऊबड़-खाबड़ प्रतीत हो, हमारे पास उनकी स्तुति करने के अनगिनत कारण हैं (पद  4)। हम परमेश्वर में आनन्द मना सकते हैं, जब वह हमारे विश्वास को स्थिर रखता है (पद 5–7) । हम उसकी दया के लिए दोहाई दे सकते हैं (पद 8–10), और उस आशा से आनन्द मना सकते हैं जो वह अनेक विलाप करते आराधकों के लिए ले कर आता है। मात्र परमेश्वर ही निराशा के विलाप को गुंजायमान आनन्द में बदल सकता है, जो किसी परिस्थिति पर निर्भर नहीं होता है (पद 11–12)।

जब हमारा करुणामयी परमेश्वर हमारे दुःख में हमें आराम प्रदान करता है, तो वह हमें शान्ति से भर देता है और हमें अपने आप और दूसरों के लिए दया दिखाने की सामर्थ प्रदान करता है। हमारा प्रेमी और विश्वासयोग्य प्रभु हमारे विलाप को आराधना में बदल सकता और बदलता है, जो हमारे दिल को गहन भरोसे, स्तुति या आनन्द से परिपूर्ण नृत्य में बदल सकता है।

मोम्मा द्वारा प्रभावित

उनका नाम लम्बा था परन्तु उनकी आयु और भी लम्बी थी। मेडलिन हैरियट ओर्र जैक्सन विलियम्स अपने दो पतियों से अधिक 101 वर्ष तक की आयु तक जीवित रही। उनके दोनों पति प्रचारक थे। मेडलिन मेरी दादी थीं और हम उन्हें मोम्मा के रूप में जानते थे। मेरे भाई-बहन और मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानते थे; हम तब तक उनके घर पर ही रहे जब तक उनका दूसरा पति उन्हें हम से चुपके से दूर नहीं ले गया। फिर भी वह हम से पचास मील से कम की दूरी पर ही थीं। हमारी दादी भजन-गायक, धार्मिक मौलिक शिक्षा सुनाने वाली, पियानोवादक और परमेश्वर का भय मानने वाली महिला थीं और मेरे भाई-बहनों और मुझ पर उनके विश्वास का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। 

2 तीमुथियुस 1:3–7 के अनुसार तीमुथियुस की नानी लोइस और उसकी माता युनीके का उसके जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव था। उनके जीवन और शिक्षा की जड़ें पवित्रशास्त्र की मिट्टी की गहराई तक गईं हुई थी (पद  5; 2 तीमुथियुस 3:14–16)  और उनका विश्वास तीमुथियुस के हृदय में फल-फूल रहा था। पवित्रशास्त्र पर आधारित उसका पालन-पोषण न केवल परमेश्वर के साथ उसके सम्बन्ध के लिए बुनियादी था, परन्तु यह प्रभु की सेवा में भी उसकी उपयोगिता के लिए सुस्पष्ट था। (1:6–7)।

आज और इसके साथ-साथ तीमुथियुस के समय में (भी) परमेश्वर विश्वासयोग्य महिलाओं और पुरुषों को आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करने के लिए प्रयोग करता है। हमारी प्रार्थनाएँ, शब्द, कार्य और सेवा प्रभु के द्वारा सामर्थी रूप से प्रयोग किए जा सकते हैं, जब तक कि हम जीवित हैं या हमारे चले जाने के पश्चात। इसीलिए मेरे भाई-बहन और मैं उन बातों का पुनराभ्यास करते हैं जो हमें मोम्मा के द्वारा दी गई थीं। मेरी प्रार्थना यही है कि मोम्मा की मीरास हमारे साथ ही समाप्त न हो।